रविवार, 6 जून 2021

मां बगलामुखी दीक्षा कैसे ले

 माँ बगलामुखी देवी शक्ति सिद्धपीठ सिवनी एवं गुरू मां देवी ज्ञानेश्वरी माता जी के युटुब और फेसबुक से जुड़े कई सदस्यों के निरंतर हमारे पास संदेश आते हैं कि हम कई दिनों से माँ बगलामुखी साधिका गुरू मां देवी ज्ञानेश्वरी जी के युटुब पर आध्यत्मिक वीडियो देख रहे हैं, गुरू माता के फेसबुक ग्रुप से जुड़े हुए हैं और निरंतर गुरू माता द्वारा पोस्ट किए जा रहे मां बगलामुखी देवी के लेख और साधनात्मक पोस्ट को पढ़ रहे  हैं । हम भी गुरू माता जी संत देवी ज्ञानेश्वरी जी से गुरु दीक्षा लेना चाहते हैं और साधनाओं के मार्ग पर चलना चाहते हैं और साधनाएं करना चाहते हैं ।

मैं आप सभी सदस्यों का धर्म प्रचार प्रसार मंच परिवार मे स्वागत करता हूं 🚩🙏🙏🚩

आपका विचार बहुत ही श्रेष्ठ और उत्तम है  कई जन्मों के  पुण्य कर्म उदय होते हैं  जब व्यक्ति के मन में  गुरु दीक्षा और साधना के मार्ग पर चलने का भाव उत्पन्न होता है  ।

वर्तमान समय मे गुरु दीक्षा आप गुरू माता जी से फोन कॉल के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं जिसके बाद आपको दैनिक साधना एवं पूजन पाठ के लिए साधना की जानकारी दी जाएगी https://youtu.be/m8E_wGLuu4Q

#गुरु_दीक्षा_कैसे_लें ❓ 

मां बगलामुखी दीक्षा फोन कॉल से लेने के लिए आवश्यक सामग्री की व्यवस्था कर सम्पर्क करें ।

एक पीला वस्त्र , एक नारियल,फल ,फूल, कपूर, धूप बत्ती,100 ग्राम चावल,जल ,पीसी हल्दी इत्यादि ।

अभी प्रारंभ में केवल गुरु दीक्षा ही प्राप्त करें उसके बाद गुरू मां द्वारा दिए हुए गुरूमंत्र का गुरू निर्देशानुसार का जाप करें । https://youtu.be/rIl5UTdFsIU

गुरू माता के युटुब चैनल पर मां बगलामुखी साधना के महत्वपूर्ण दुर्लभ नियम बताए गए हैं 👇👇👇जिसका अध्ययन भी आप विस्तार पूर्वक ध्यान से करें जिससे आपको साधना के नियम अनुशासन भली भांति ज्ञात हो सकें ।

https://youtu.be/TmumRdMUPHU

https://youtu.be/xI_ecz2Ogs0

https://youtu.be/ppM5kHl2AQA


गुरु दीक्षा लेने के बाद मे आपको मां बगलामुखी शक्ति सिद्धपीठ व्हाट्सएप ग्रुप मे सदस्यता मिल जाएगी🙏✅

अगर आप मां बगलामुखी शक्ति सिद्धपीठ सिवनी से मां बगलामुखी देवी क़ा अनुष्ठान करवाना चाहते हैं तो आप अवश्य करवाए। 

➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖

सम्पर्क सूत्र - 9806284177


❇✴⚛🌼🕉❇✴⚛🌼🕉❇✴⚛🌼🕉

बुधवार, 28 अप्रैल 2021

ज्योतिष – एक श्रापित विद्या है

 ज्योतिष – एक श्रापित विद्या है ,

ज्योतिष को माँ पार्वती से श्राप मिला हुआ है

इस सम्बन्ध मे एक पौराणिक कथा प्रचलित हैं ,जो इस प्रकार हैं...

भक्तों - एक बार की बात है । एक दिन देवऋषि नारद जी भगवान श्रीहरि विष्णुजी के नामों का सुमधुर गुणगान नारायण - नारायण गाते हुए कैलाश पर्वत पर जा पहुँचे। और भगवान श्रीसदाशिव के दर्शन किये l 

परन्तु माता पार्वती नही दिखाई दीं, तब देवऋषि नारद जी ने माता के विषय में पुछा तब भगवान श्रीसदाशिव जी ने कहा “नारद जी, आप तो ज्योतिष के ज्ञाता हो। बताओ अभी पावती कहाँ है ?”


तभी देवऋषि नारद जी ने तत्काल ही अपनी ज्योतिषीय गणना की और कहा, हे भोलेनाथ जी “माँ अभी स्नान कर रही हैं प्रभु। और इस समय उनके शरीर पर एक भी वस्त्र नहीं है”


कुछ समय बाद माता पार्वती आईं तो भगवान ने उस समय के बारे में पुछा

और नारद जी की बात बताई 


इस पर माँ बोली –

“नारद जी आपकी गणना बिल्कुल सही है। पर जो विद्या व्यक्ति के कपडे के भी पार देख ले वह अच्छी नहीं। इसलिए मैं इस विद्या को श्राप देती हूँ कि कभी भी कोई ज्योतिषी पूरा-पूरा नहीं देख पाएगा।“

किन्तु जो ज्योतिषी किसी दिव्य दृष्टिपात सिद्ध सदगुरु की शरण लेकर ,सदगुरु दीक्षा प्राप्त कर ,सदगुरु की मदद से ज्योतिष फलादेश करेगा ,जिसका इष्ट प्रबल होगा ,इष्ट में पूरा-पूरा दृढ़ विश्वास होगा ।

सच्चे हृदय से ज्योतिष को जानेगा उसकी गणना लगभग सत्य ही होगी।

 अगर ईश्वर ने आपको एक शक्ति दी है, तो कुछ जिम्मेदारी भी है निभाने के लिए। एक ज्योतिषी के रूप में आपका दायित्त्व है कि आप अपने यजमान को ढाँके ,ना की किसी के सामने अपनी ज्योतिष विध्या द्वारा उसे बेईज्जत ना करें। यह दैविक विद्या है। यदि ज्योतिषी अपनी सीमा लाँघेगा तो माँ पावती का श्राप लगेगा।

और उसकी भविष्यवाणी पूर्णत: सही सिद्ध नहीं होगी l