माँ अम्बा भवानी महारानी आपको कोटी कोटी प्रणाम ॥
हे माँ आपसे मेरा ये कैसा रिश्ता है जिसे मैं वर्षों से जानने की कोशिश कर रहा हूँ लेकिन जान नहि पाया माता ।
ये कैसी लगन है माता ..मूझे आप हि आप नजर आते हो ।
हे माँ अगर आपने मूझे आपकी भक्ति के रंग डाला है माँ तो फिर ये दूरी कैसी माँ ...पास होकर भी आप पास ने नहि हो , दूर होकर भी आप पास मे हो । हे माँ अगर कृपा हि नहि करना है इस बेटे पर तो बेटे के मन मे ऐसे माँ के लिये भाव क्यू उत्पन्न किये ।
हे माँ मेरा आपके सिवा कोई नहि है , ये दुनियाँ मेरे किसी काम की नहि है , आपके बिना इस बेटे के आंखो में आँसू हि आँसू है ।
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