श्री रेणुका देवी कलयुग की प्रत्यक्ष देवी की रूप मे पूंजी जाती है । देवियों की देवी कहे जाने वाली श्री रेणुका देवी की भक्ति में, उपासना में , जीवन कें चार पुरुषार्थ छिपे हुए , इसीलिए भक्तगण देवी की आराधना करना ही धर्म , अर्थ , काम और मोक्ष्य को प्राप्त करना समझते हैं ।
कलयुग की प्रत्यक्ष देवी है । माता रेणुका देवी कों नमो नमः कहकर पुकारने से देवी प्रसन्न होती है । सभी माताओं की मां रेणुका देवी मां ही है । वेदों मे जो वर्णन मिलता है वो इसी रेणुका देवी मां के लिये मिलता है । देवी रेणुका माता की कृपा से विधवा सुमंगली हॊ जाती है ऐसा सुना था लेकिन आज आप सभी माता रेणुका देवी भक्तों के लिए एक ऐसी कहानी लेकर आए है जहाँ माता रेणुका देवी ने एक भक्त के पति के प्राणो कों जीवनदान दे दिया आप सभी माता रेणुका देवी की महिमा पर आधारित कहानी सुनिये
श्री रेणुका माता का एक भक्त रवि था , जो माता रेणुका देवी का नित्य प्रतिदिन पूजन किया करता था । रेणुका देवी की भक्ति और पूजा करने के बाद ही रवि के दिन की शुरुवात होती थी । मां रेणुका देवी उस भक्त की कुलदेवी थी । इस तरह कुलदेवी रेणुका देवी की कृपा से उसका विवाह शहर की एक सुन्दर सुशील दीक्षा के साथ हुआ । शहरी माहौल मे पढ़ने लिखने की वजह रवि की पत्नी दीक्षा देवी रेणुका की पूजा पाठ मे विश्वास नहि रखती थी । उसे देवी देवताओ का पूजा करना उसे आडम्बर लगता था । जब रवि ने अपनी पत्नी कों बताया की रेणुका देवी कों ऐसे ही कूलस्वामिनी नहि कहते है , देवी रेणुका परशुराम जी की माता है जो उनके शरण मे रहते है माता रेणुका कल्पवृक्ष की भांति उनकी मनोकामनाओं कों पूर्ण करती है । देवी रेणुका माता के चमत्कार से विधवा सुमंगली हॊ जाती है । ऐसा सुनते ही उसकी पत्नी ने हंसते हुए कहाँ की ऐसी बातो पर कौन विश्वास करेगा । भला विधवा सुमंगली कैसे हॊ सकतीं है इस तरह रेणुका भक्त रवि की पत्नी दीक्षा कों कुलदेवी रेणुका की शक्ति पर शंका हुई । अचानक एक दिन रेणुका भक्त रवि की तबियत बहुत ज्यादा खराब हॊ गई । तब भक्त रवि कों उसकी पत्नी अस्पताल लेकर गई । डाक्टर ने जांच पड़ताल की तो पता चला की उस भक्त कों टयूमर हॊ चुका है वह कुछ दिनो का ही मेहमान है ।
रेणुका देवी के भक्त कों देवी की शक्ति का अहसास हुआ और उसने गाँव जाने का निर्णय लिया । अपने पति रवि कों लेकर उसकी पत्नी गाँव आ गई। रवि की पत्नी दीक्षा कों अब देवी रेणुका मां पर विश्वास था की वो ही उसके पति कों जीवनदान दे सकतीं है।
रेणुका देवी के भक्त रवि की पत्नी दीक्षा मां रेणुका देवी के मन्दिर जाकर रोने लगी , गिड़गिड़ाने लगी , माता से अपनी भुल के लिए प्रार्थना करने लगी । मां रेणुका कों अपनी यथा कथा और व्यथा सुनाने लगी ।
मां रेणुका से नवस बोला की मां मेरे पति कों जीवनदान दे दे मां रेणुका देवी मैं आपकी ओटी भरूंगी ।
हे मां रेणुका तेरी कृपा से विधवा सुमंगली हॊ जाती है इसलिए देवी मेरा सिंदूर उजड़ने से बचा लो । मेरे प्राण नाथ का जीवन दान करो माँ ।
तभी वहां मन्दिर के पूजारी ने रोती हुई बेटी के आंखो मे आंसू देखकर उसके पास गए और कहने लगे बेटी चिंता मत करो मां तुम्हारी मनोकामना पूरी अवश्य करे । आप श्री दुर्गा सप्तशती का सात दिवस मे विधि विधान से साथ पाठ करो । माता रेणुका देवी आप पर अवश्य प्रसन्न होगी ।
रवि पत्नी दीक्षा ने पण्डित के बताए अनुसार ही सात दिनो तक माता रेणुका देवी कों प्रसन्न करने के दुर्गा सप्तशती का सात दिनो तक विधि विधान से पाठ किया । इन दिनो रवि की पत्नी दीक्षा ने मां रेणुका देवी के नाम से घर घर जाकर जोगवा मांगा करती और शाम कों देवी की पूजा के बाद वृत छोड़कर भोजन करती । इस दौरान रवि की तबियत मे धीरे धीरे सुधार होने लगा था । जब दुर्गा सप्तशती का पाठ पूर्ण हॊ गया तो तो दीक्षा ने अपने पति की पुनः जांच कराने का मन मे संकल्प लिया और देवी मां से प्रार्थना की । नजदीकी अस्पताल पर रवि की बीमारी की पुनः जांच हुई और इसका परिणाम देखकर डाँक्टर के भी होश उड़ गए । माता रेणुका की कृपा से रवि की ट्यूमर की बीमारी खत्म हॊ गई । यह चमत्कार श्री रेणुका देवी की कृपा से सम्भव हॊ पाया । देवी से सच्ची श्रध्दा आस्था से जिसने भी नवस बोला देवी रेणुका ने उसकी मनोकामना पूरी । इसके बाद रवि और दीक्षा ने अपने समस्त परिवार के लोगों के साथ रेणुका देवी के मन्दिर मे कुलदेवी की पूजा सम्पन्न की , पूजा मे श्री रेणुका देवी के लिए साड़ी , ब्लॉऊस फीस, हल्दी कुमकुम से मां रेणुका ओटी भरी । माता रेणुका देवी के दंडवत प्रणाम कर महामाई से कृपा बनाए रखने की अर्जी लगाई । माता रेणुका देवी का चमत्कार देख कर दीक्षा कों यकीन वो गया की रेणुका देवी