शुक्रवार, 20 मार्च 2020

माँ ताप्ती दर्शन पदयात्रा तस्वीरो झरोके से

जयति जय देवी माँ कुरु जननी , सूर्य पुत्री ताप्ती

प्रिय धर्म प्रेमी बंधुओ पतित पावन पुण्य सलिला माँ ताप्ती की महिमा बड़ी निराली है ,  श्री ताप्ती माता की उत्पत्ति के बारे मे कहाँ जाता है की आदिकाल भगवान सूर्यनारायण के अत्यधिक तेज सारी सृष्टि के जीव ब्रम्हाजी मे विलीन होने लगे । इस संकट से बचने के लिए देवी देवताओ ने भगवान हिरण्यगर्भ सूर्यनारायण की आराधना की तब सूर्यनारायण देव वहां प्रकट हुए और उन्होने अपनी पुत्री का ध्यान किया । सूर्यपुत्री ताप्ती उनके ताप से उत्पन्न होकर सारी दिशाओ एवं आकाश को आलोकिक करते हुए पिता का संताप दूर करते हुए भूलोक पर प्रकट हुई ।

आईए साथियो हम पावन नदी माँ ताप्ती की लोक संस्कृति
से आपको रूबरू कराते है ...

 माँ ताप्ती मे  इस  मुलताई और बैतूल के भक्तों ने वर्ष 2006 मे  ताप्ती दर्शन यात्रा का शुभारंभ किया । ताप्ती दर्शन यात्रा का उद्देश्य जल संरक्षण व जल संवर्धन हेतू लोगों को प्रेरित करना था ।
मां ताप्ती के धार्मिक, पौराणिक तथा एतिहासिक महत्व अत्यधिक होने से कारण धीरे धीरे यह यात्रा धार्मिक हो गयी ।
 समिति का निर्माण कर 15 जनवरी 2007 से
 विधिवत रूप से इस यात्रा को धार्मिक स्वरूप दिया गया ।
इस दर्शन यात्रा मे भक्तगण अपनी स्वेच्छानुसार सम्मिलित होते है , भक्तगण एक दिन से लेकर अपनी स्वेच्छा अनुसार दर्शन यात्रा मे भाग लेंते है ।
मां ताप्ती दर्शन पदयात्रा पहले जहां बैतूल जिले की सीमा तक ही सीमित थी लेकिन अब इस यात्रा का स्वरूप विस्तृत होता का रहा है ,
अब ताप्ती दर्शन पदयात्रा गुजरात के ताप्ती संगम स्थल डूमस तक जाने लगी है।
माँ ताप्ती दर्शन पदयात्रा का नगर प्रवेश के दौरान नगरवासियो द्वारा उत्साह के साथ  जगह - जगह भव्य स्वागत किया जाता है ।  शाम को यात्रा का पड़ाव होता है , जहाँ माँ ताप्ती पर श्रध्दा आस्था रखने वाले ग्रामीणो द्वारा भोजन प्रसादी और रूकने की व्यवस्था की जाती है ।
माँ ताप्ती की दर्शन पदयात्रा मे मुख्य रूप से विशेष सहयोग श्री दादा जी धूनीवाले संस्थान नीमगव्हाण , माँ ताप्ती मन्दिर मांझी सुरत समिति से जुड़े भक्तों का मिलते रहा है ।

माँ ताप्ती दर्शन पदयात्रा को धार्मिक स्वरूप प्रदान करने मे ताप्ती भक्त राजू पाटनकर जी की अहम भूमिका रही है वही जनश्रुति के अनुसार यात्रा मे मुख्य सहयोगियो के नामो मे अरूणसिंह किलेदार जी का नाम सदैव आगे आता रहा है ।












































































विशेष सहयोग : ताप्ती भक्त राजू पाटनकर
संकलनकर्ता : महाकाल भक्त रविन्द्र
धर्म प्रचार प्रसार मंच प्रस्तुति 

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